दोस्तों मेरा नाम लव कुमार,मौसीकीचूतसेदीदीकीगांडतक आयु 26 वर्ष, उत्तर प्रदेश से हूँ।यह मेरी कहानी नहीं बल्कि मेरे जीवन की एक सच्चाई है जिसे मैं आप लोगो के साथ बाँटना चाहता हूँ।इसे पढ़कर कृपया कन्याएँ, भाभियाँ बताएँ कि क्या मैं इसमें खतावार हूँ ?मैं बता दूँ कि मेरी दीदी अनीता आयु में मुझसे दो साल बड़ी है और मेरी मौसी जो मेरी माँ से काफी छोटी हैं उनका नाम साधना है।दीदी और मौसी दोनों ही गांड और वक्ष से बहुत धनी हैं।दीदी आजकल 38 नम्बर की ब्रा पहनती हैं और मौसी 40 की।दीदी की गांड बिलकुल सफ़ेद और मुलायम है, मौसी की तो गांड नहीं बल्कि हैलीपैड लगता है।मेरी मौसी मुझसे बचपन से ही बहुत प्यार करती हैं इसलिए मुझे छुट्टियों में अपने घर ले जाती थी।उनके कोई बच्चा नहीं था इसलिए वो मुझे अक्सर अपने पास ही सुलाती थी।एक दिन मौसी ने कहा- लव बेटा, मुझे सोने में तंगी होती है, तू मेरे पैरों की तरफ सो जा !मैंने ऐसा ही किया। उस दिन करवा-चौथ था, मौसी ने बहुत श्रृंगार किया था और वो मुझे उस दिन जल्दी सुलाने के मूड में थी। ऐसा ही हुआ, मैं सो गया।लेकिन रात में मैंने अचानक देखा कि मौसी मेरे बिस्तर पर नहीं हैं। मैं फिर सोने की कोशिश करने लगा।तभी मैंने सुना कि मौसा जी के बिस्तर से मौसी के ऊऊऊउ ….. आआ….. करने की आवाजें आ रही थी।मौसी के मुँह से ये आवाजें सुनकर मैं चौंक गया, मैंने कम्बल से झांक कर देखा तो मेरी साँसें तेज हो गईं।मैंने देखा मौसी घोड़ी की स्थिति में थी और मौसाजी भी नंगे थे, मौसी के चूतड़ मेरी तरफ थे और मौसा जी ने अपना लौड़ा हाथ में पकड़ रखा था और मौसी से कह रहे थे- साधना, धीरे बोलो, वरना लव जाग जायेगा !फिर बोले- साधना, अपनी टाँगें खोलो !और मौसा जी ने अपना लौड़ा मौसी की चूत से सटाकर धक्के लगाने शुरू किये।मौसा जी ने कहा- देखो साधना, करवा चौथ तभी पूरी मानी जाती है जब चुदाई ठीक से हो जाये !और अपनी स्पीड बढ़ाते रहे।अब मुझे मौसा जी के चूतड़ ही दिख रहे थे। मौसी को फिर उन्होंने कहा- धीरे बोलो ! लेकिन मौसी ऊऊऊउन्न …….ई ई मर गई रे ….करती रही।आखिर कुछ देर के बाद मौसा जी ने पिचकारी छोड़ दी।अब मैं सोच रहा था कि मौसी आकर सोएगी तो मेरे ही पास ! लेकिन मौसी पहले उनके पास ही सोती रहीमेरी आँखों से नींद गायब थी। थोड़ी देर बाद मौसा जी ने मौसी को नीचे जमीन पर बुलाया और इस बार मौसी को नीचे सीधे लिटाकर उनकी चूत चाटने लगे।अब मैं बहुत व्याकुल हो चला था। जब मौसी ठंडी हो गई तो मेरे बिस्तर पर आकर लेट गई।अब मैं इस इंतज़ार में था कि मौसी को कब नींद आये क्योंकि मौसी की मैक्सी नींद में कई बार खुल जाती थी।आज मुझे इंतज़ार ज्यादा देर नहीं करना पड़ा क्योंकि मौसी थकी थी कुछ ही देर में मौसी की दोनों टांगें खुल गई।रात्रि बल्ब जल रहा था, माय गॉड……चूत दिख रही थी…….. मैंने अपनी जिन्दगी में पहली बार चूत को इतनी पास से देखा था। चूत पर छोटी छोटी झांटें….. और टांगें खुलने के कारण बीच की दरार भी दिख रही थी।अब मैंने कोशिश करके अपने घुटना मौसी की चूत से स्पर्श किया। मौसी की झांटे चुभ रही थी। उस दिन मेरे दिमाग में आ रहा था- वाह चूत भी क्या चीज है !अब मैंने मौसी की चूत को 4-5 दिन लगातार देखा और नींद में स्पर्श किया।फिर मैं घर आ गया। अब मुझे मेरी दीदी में भी सेक्स दिखने लगा था, मैं अकसर उसके चूतड़ों को निहारता रहता था।मुझे नहीं पता था कि मेरी सगी बहन की चूत में भी आजकल खुजली होने लगी है। हालांकि वो कई बार मुझे प्यार करते करते अपने वक्ष मुझसे स्पर्श करा देती थी।एक दिन मेरी मम्मी ने कहा- तुम दोनों भाई-बहन एक ही बिस्तर पर सो जाया करो क्योंकि साथ-साथ पढ़ते हो।दीदी यह सुनकर खुश हो गई और हम साथ सोने लगे।मौसी की चूत देखने से पहले मैंने कभी ऐसा नहीं सोचा था लेकिन अब मैं जानबूझ कर नींद में अपना लौड़ा दीदी की गांड की दरार में लगा देता था।आपने सुना होगा जहाँ चाह वहीं राह !एक दिन दीदी ने, यह सोचकर कि मैं सो गया हूँ, अपनी सलवार उतार दी और अपनी चूत को मेरे नेकर सरकाने के बाद मेरे लण्ड पर टिकाने की कोशिश की।मैं जाग चुका था लेकिन मैंने अपनी आँखें बंद रखी। दीदी लौड़े के ऊपर अपनी चूत टिकाती थी लेकिन वो अन्दर नहीं जा रहा था।तब दीदी को एक विचार आया, उन्होंने मेरे बराबर में लेटकर करवट ली और मेरी पीठ में हाथ डालकर मुझे अपने ऊपर ले लिया।क्या अनुभव था उनका… फिर उन्होंने मुझे अपने पेट से ऊपर उठाने की कोशिश सी की जिसमें मैंने भी मदद की और उन्होंने मेरा लौड़ा जोकि उस समय भी लगभग 6 इंच का था, अपनी चूत में लगा दिया और अब पीठ से मुझे धक्का देने लगी।यह मेरे जीवन का एक ऐसा अनुभव था कि आज भी मैं उस दिन को याद करके सिहर जाता हूँ।अब दीदी अपनी गांड को उछाल रही थी।अचानक लौड़ा बाहर निकल गया, मैंने सोचा कि मैं लगा देता हूँ लेकिन इससे पहले दीदी ने ही हाथ से पकड़ा और अपनी चूत में सरका लिया। कुछ देर के बाद मुझे लगा कि लौड़ा से कुछ निकला और मुझे लगा शायद इसे ही झड़ना कहते हैं।अब क्या था, यही सिलसिला चल निकला … दीदी रात को जल्दी कहती- चलो पढ़ाई बंद करो, अब सोते हैं !और फिर चुदाई का काम चलता …यह दीदी भी जानती थी कि उसका भाई लव भी जगा रहता है चोदते हुए, इसलिए एक दिन उन्होंने जागते हुए ही कहा- लव, चलो, आज वही खेल जागते हुए खेलते हैं !मैंने कहा- नहीं दीदी, शर्म आती है।दीदी ने कहा- इसे रात में अपनी ही दीदी के छेद में डालते शर्म नहीं आती?और ऐसा कहकर दीदी ने मेरा लौड़ा हाथ से पकड़ लिया और कहा- चलो एक दूसरे के कपड़े उतारते हैं !दीदी ने मेरे कपड़े उतार दिए और यह क्या ?वो तो आज मेरे लण्ड को चूसने की जिद करने लगी और कहने लगी- मेरा मन तो बहुत दिन से है लेकिन मुझे कहने में शर्म लगती थी….बाप रे …. लव, तेरी शादी होगी तो तेरी बीवी के तो मजे आ जायेंगे…. इतना बड़ा जो मिलेगा….अब दीदी घोड़ी बन गई और कहा- चल धीरे से लगा !तभी मैंने कोशिश की लेकिन लण्ड अन्दर नहीं जा रहा था….मैंने कहा- दीदी बहुत तंग है !दीदी ने कहा- मेरे राजा भैया, सांप, लौड़ा और पानी अपनी जगह खुद बना लेते हैं। तू डाल ना अन्दर…और सरसराहट के साथ उसने अन्दर प्रवेश कर लिया।अब दीदी अपनी गांड को आगे-पीछे करके मजे कर रही थी और मुँह से आवाजे भी कर रही थी- हाय आई रे……मार डाला रे ! कैसा भाई है? इतना बड़ा लौड़ा लेकर घूमता है? और दीदी घर में तड़प रही है…. तू आज मेरा भैया नहीं बल्कि राजा बन गया रे…. मार और जोर से ….मेरी चूत फाड़ डाल….तभी मैंने दीदी को बताया- दीदी, मैंने साधना मौसी और मौसा जी की चुदाई देखी है…तो दीदी ने कहा- हमारी मौसी बहुत चुदक्कड़ है…. तू सब छोड़ न….मेरी मार अब…तभी दीदी ने मुझसे वादा लिया- वादा कर कि मेरी शादी के बाद भी मुझे चोदा करेगा !मैंने मान लिया ! तब से तीन साल तक मैं दीदी को चोदता रहा, दीदी गोलियाँ खाने लगी थी।एक दिन घर में कोई नहीं था तो हम दोनों साथ नहाये। तभी दीदी ने कहा- मेरी गांड पर साबुन लगा दे….और दीदी ने फिर कहा- चल आज इसमें डाल ! क्योंकि मैं भी देखना चाहती हूँ कि इसमें क्या मजा है।मैंने अपनी मौसी को भी गांड मरवाते हुए देखा है…..मैंने डरते हुए गांड में डाल दिया तो देखा कि वो तो बहुत ही सख्त है, मुझे लगा कि मेरा लण्ड भी छिल जायेगा….मेरी दीदी की शादी हो गई है लेकिन अब भी जब हमें मौका मिलता है, दीदी मुझसे चुदवा ही डालती हैं।अब आप सब बताये कि इसमें मेरा कुसूर कहाँ है? अगर मैं नहीं चोदता तो दीदी कहीं और चुदाने जाती..कृपया मेल करके मुझे अपनी राय अवश्य भेजें…